वाणिज्य मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में कुछ किस्म की दालों के आयात के लिए नियम तय किये हैं. इसके तहत अब आयातकों को लाइसेंस लेना होगा. मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसी डीजीएफटी के मुताबिक, मिल मालिकों एवं दाल प्रसंस्करण इकाइयों को दाल/दलहनों के आयात के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी.
अनाज और दालों का विवरण विस्तार से देखें
कुल दो लाख टन तुअर दाल, डेढ़ लाख टन उड़द दाल, डेढ़ लाख टन मूंग दाल और डेढ़ लाख टन मटर के आयात के लिए प्रक्रियाएं तय कर दी गयी हैं.'' प्रक्रिया के मुताबिक हर रिफाइनिंग/प्रसंस्करण इकाई को अपने आवेदन में दस्तावेज प्रस्तुत कर अपनी रिफाइनिंग और प्रोसेसिंग क्षमता के बारे में बताना होगा.
यह दस्तावेज किसी केंद्रीय, राज्य या जिला के अधिकारी द्वारा जारी होना चाहिए. आयातकों को बंदरगाहों पर पहुंचे आयातित माल का मासिक ब्योरा जारी करना होगा. भारत सालाना 40 लाख से 60 लाख टन तक दालों का आयात करता है. देश में सालाना 2.4 टन दाल की खपत होती है. देश में दलहनों के भारी उत्पादन को देखते हुए सरकार ने इसके आयात पर कोटा की पाबंदी लगा दी है.
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कुल दो लाख टन तुअर दाल, डेढ़ लाख टन उड़द दाल, डेढ़ लाख टन मूंग दाल और डेढ़ लाख टन मटर के आयात के लिए प्रक्रियाएं तय कर दी गयी हैं.'' प्रक्रिया के मुताबिक हर रिफाइनिंग/प्रसंस्करण इकाई को अपने आवेदन में दस्तावेज प्रस्तुत कर अपनी रिफाइनिंग और प्रोसेसिंग क्षमता के बारे में बताना होगा.
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