Tuesday 30 July 2019

निचले स्तर से मेंथा ऑयल में खरीदारी, आपको क्या करना चाहिए?

मेंथा ऑयल में सोमवार को निचले स्तर से खरीदारी देखने को मिली. कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स पर मेंथा ऑयल का अगस्त वायदा भाव 11.90 रुपये या 0.95 फीसदी गिरकर 1266 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया. 



मेंथा ऑयल का भाव चेक करें 

केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि दो दिन की गिरावट के बाद मेंथा ऑयल में आज खरीदारी आई है. हालांकि उनका कहना है कि इस साल मेंथा ऑयल का उत्पादन काफी ज्यादा रहने की संभावना है. ऐसे में निवेशकों को कारोबार में सावधानी बरतनी चाहिए. उनका कहना है कि एमसीएक्स पर बिकवाली की सलाह है. निवेशकों को 1270-21275 रुपये के आसपास बिकवाली करनी चाहिए. इस हफ्ते के अंत तक भाव 1220 रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर सकता है. 

सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट्स (CIMAP) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मेंथा की खेती करीब 3 लाख हेक्टेयर में हुई है. इस वजह से मेंथा ऑयल का उत्पादन करीब 38500-39000 टन रहने की संभावना है. 2013 और 2018 के बीच मेंथा ऑयल का औसत उत्पादन 36,968 टन रहा है. इसलिए पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन में उछाल की उम्मीद है. इसके अलावा इस साल बकाया स्टॉक शून्य है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा इस साल मध्य प्रदेश में भी मेंथा का उत्पादन बढ़ा है. 

मेंथा का इस्तेमाल दवाएं, सौंदर्य उत्पाद, टूथपेस्ट के साथ ही कंफेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा होता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा ऑयल उत्पादक और निर्यातक है. मेंथा ऑयल की सबसे ज्यादा पैदावार यूपी में होती है. देश में होने वाले कुल मेंथा ऑयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है. पश्चिमी यूपी के जिले संभल, रामपुर, चंदौसी मेंथा का उत्पादन करने वाले बड़े क्षेत्र हैं, जबकि लखनऊ के पास बाराबंकी जिला भी मेंथा ऑयल का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है. 

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