वायदा बाजार में बुधवार को मेंथा ऑयल में नरमी देखने को मिली. इसकी वजह हाजिर बाजार में कमजोर मांग को बताया जा रहा है. मेंथा ऑयल का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों की मांग घटी है.
कंपनियों की मांग में कमी को देखते हुए सटोरियों ने मेंथा ऑयल के फ्यूचर्स में अपने सौदे काटे हैं. इसका असर इसके वायदा भाव पर पड़ा है. बताया जाता है कि मेंथा ऑयल का उत्पादन करने वाले इलाकों में इसकी सप्लाई बढ़ी है.
बुधवार दिन में करीब 11:55 बजे कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स पर मेंथा ऑयल का भाव 6.80 रुपये यानी 0.54 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,250.20 रुपये प्रति किलोग्राम था. नरमी के लंबे दौर के बाद मेंथा ऑयल में सीमित दायरे में कारोबार हो रहा है. इसकी कीमतें 1,320 से 1,250 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में बनी हुई हैं.
विश्लेषकों का कहना है कि कीमतें बढ़ने पर मेंथा ऑयल में बिकवाली करनी चाहिए. इसकी वजह यह है कि इसके फंडामेंटल कमजोर दिख रहे हैं.
एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, "हमारा मानना है कि कीमतों में थोड़ी नरमी आएगी. इसके फंडामेंटल कमजोर दिख रहे हैं, क्योंकि मांग में उछाल देखने को नहीं मिला है." उन्होंने कहा कि कीमतें चढ़ने पर बिकवाली करनी चाहिए.
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